Thursday, 19 July 2018

तुलसी के फायदे चेहरे के लिए /तुलसी फेस पैक


तुलसी चहरे की हर तरह की समस्या का समाधान करती है।


तुलसी के अंदर एंटी फंगल , एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल क्वालिटी होने से यह हमारे चेहरे के लिए बहुत ही फायदेमंद है।


दाग धब्बों के लिए

तुलसी कील मुंहासे दाग धब्बों के लिए बहुत ही फायदेमंद है।  इसमें एंटीबैक्टीरियल क्वालिटी होने से यह चेहरे के बैक्टीरिया को दूर करता है। इसके लिए आप तुलसी के पेस्ट में एक चम्मच चंदन तथा गुलाब जल मिलाकर इसका मिश्रण तैयार कर लें और इस तैयार लेप को आप अपने चेहरे पर लगाएं ।
इसे आपके चेहरे पर जो कील मुंहासे दाग धब्ब वह दूर होंगे।


चेहरे पर निखार लाने के लिए


इसके लिए आप तुलसी के पत्तों को सुखाकर इसका पाउडर तैयार कर लें।
तुलसी के पाउडर में एक चम्मच मुल्तानी मिट्टी और एक चम्मच गुलाबजल डालकर लेप तैयार कर ले , इस तैयारी लेप को आप अपने चेहरे पर लगाएं।
15 से 20 मिनट बाद आप अपना चेहरा धो लें । ऐसा करने से आपके चेहरे पर एक बहुत ही अच्छा निखार आप देख पाएंगे।


टोनर बनाने के लिए


टोनर आपकी स्किन को हेल्थी और फ्रेश रखता है। टोनर साथ ही साथ आप की ओपन पोर्स की समस्या को भी खत्म करता है।
इसके लिए आप तुलसी के 15 से 20 पत्ते पानी में 5 मिनट के लिए उबाल लें । उसमें आप गुलाब जल और कुछ बूंदे नींबू के मिला लें। और इस पानी को आप छानकर के अलग शीशी में भर लें  । बहुत ही अच्छा टोनर आपके लिए तैयार हो जाएगा

तुलसी फेस पैक



दही और तुलसी फेस पैक


त्वचा के रूखेपन वह डेड स्किन को हटाने के लिए, साथ ही यह है आपकी त्वचा को ठंडक प्रदान करता है।
इसके लिए आप तुलसी की 15 20 पतियों को ले करके सुखा लें उसको मिक्सी में पीस कर या फिर  हाथ से मसल कर बारीक पाउडर तैयार कर लें।इस तरह से आप को तुलसी का पाउडर मिल जाएगा।
अपना फेस पैक तैयार करने के लिए एक चम्मच तुलसी पाउडर में दो चम्मच दहीे मिलाएं और उसे आप अपने चेहरे , गर्दन और हाथों पर लगाएं।

तुलसी और शहद फेस पैक


इसके लिए तुलसी की पत्तियों को पीसकर उसका रस निकाल लेंऔर उसमें आप मिलाएंगे शहद, आधा चम्मच बेसन
अपने चेहरे पर लगाएं।
कुछ देर आप इसे अपने चेहरे पर लगा रहने दें जब यह सूख जाए तो हल्के गर्म पानी से आप अपना चेहरा धो लें इससे आपके चेहरे को ठंडक मिलेगी और यदि आपको मुहांसों की समस्या है तो वह भी दूर हो जाएगी


तुलसी और मुल्तानी मिट्टी फेस पैक

इसके लिए आपको चाहिए

तुलसी पाउडर, गुलाब जल ,मुल्तानी मिट्टी,चंदन पाउडर

इन सब चीजों को मिलाकर क्या आप इसका लेप तैयार कर लें हर प्रकार की त्वचा की समस्या से आपको निजात दिलाएगा और इसे सभी स्किन टाइप वाले लोग इस्तेमाल कर सकते हैं।
यह सभी प्रकार की त्वचा के लिए फायदेमंद है

रसौंत बनाने की विधि -

रसौंत बनाने की विधि -


प्राचीन काल में दारू हल्दी को भारतीय लोग रसौंत के रूप में अपने घरों में रखते थे
आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में दारू हल्दी के रसौत का उपयोग चिकित्सीय उपयोग हेतु किया जाता है।

रसौत बनाने की विधि

रसौंत बनाने के लिए इसकी जड़ को कूटकर 16 गुना पानी में उबालकर पकाना है।
जब यह पानी जलकर लगभग एक चौथाई रह जाए तो आप इसे उतार लें तथा इसे छान लें।
अभी शेष बचे पानी को आप इतना पकाएं कि इसे एक गाढा रूप का आकार दिया जा सके।
अब आप इस तैयार लेप को धूप में सुखा लें।
यह सूखकर के ठोस रूप में आ जाएगा यही रसौत के नाम से जाना जाता है।
यह बहुत उपयोगी है
खासकर यह बिल्कुल छोटे शिशु के लिए बहुत उपयोगी है जब उनके दांत निकलते हैं तथा उन्हें कोई पेट में संक्रमण हो तो उन छोटे बच्चों को रसौत को शहद के साथ दिया जाता है इससे तुरंत ही लाभ मिलता है

एलोवेरा के अद्भुत लाभ

एलोवेरा के अद्भुत लाभ


यह एक बहुत ही अद्भुत औषधि है बहुत सारी बीमारियों में इसका प्रयोग किया जाता है इसे लगाना भी बहुत आसान है आप इसे गमले में भी लगा सकते हैं यह बहुत ही आसानी से फैल जाता है


डायबिटीज के लिए


डायबिटीज के लिए एलोवेरा का रस बहुत ही फायदेमंद है। सुबह खाली पेट 45 चम्मच एलोवेरा जूस लें यह बहुत ही गुणकारी प्रयोग है डायबिटीज के लिए


बालों के लिए



यदि आपके बाल बहुत ज्यादा झड़ते हैं टूटते हैं या किसी और प्रकार की बालों से संबंधित समस्या है तो एलोवेरा आपके लिए बहुत ही फायदेमंद होगा
बालों में एलोवेरा का रस लगाकर छोड़ दें 
। और बाद में बालों को धो लें, एक बार भी इसका प्रयोग बालों में किया तो आपके बाल टूटना बंद हो जाएंगे


नपुसंकता होने पर

नपुंसकता होने पर भी सुबह आप चांपा चम्मच एलोवेरा जूस लें इससे आपको राहत मिलेगी
शरीर में कहीं भी फोड़े फुंसियां हो जाने पर एलोवेरा बहुत ही फायदेमंद है



गैंग्रीन हो जाने पर

(शरीर के किसी भी भाग का सड जाना)

गैंग्रीन ऐसी खतरनाक बीमारी है , जिसके अंदर यदि किसी शरीर का कोई भाग सड़ जाता है। तो उसका डॉक्टर सीधा एक ही इलाज बताते हैं कि उस अंग को काटना होगा।
आपका अंग कितना भी सड  गया हो, एलोवेरा के अंदर वह ताकत है जो आपके खराब हुए अंग को फिर से सही कर सकती है । यह बहुत ही अद्भुत है। आप उस प्रभावी स्थान पर एलोवेरा का रस लगाएं 8-10 दिन के अंदर ही आप अद्भुत चमत्कार देख पाएंगे



रक्त दूषित हो जाने की स्थिति में


रक्त दूषित हो जाने पर रक्त में अम्लता बढ़ जाती है । जिससे कि चर्म रोग जैसी बीमारियां हो जाती हैं ।चर्म रोग हो जाने की स्थिति में आप एलोवेरा का जूस पिए । आपको चर्म रोगों में बहुत ही फायदा होगा
एलोवेरा एक ऐसी औषधि है जिसका रस पिया जाता है और यदि आपको किसी प्रकार का कोई चर्म रोग हो गया है तो आप से बाहरी रुप से लगा सकते हैं



मुंह से दुर्गंध आने पर


यदि आपके मुंह से दुर्गंध आती है। आप सुबह सुबह उठते हैं और आपके मुंह से एक अजीब सी स्मल आती है तो आप एलोवेरा के रस को अपने  मसूड़ों पर मालिश कीजिए और फिर थोड़ी देर बाद आप मुंह धो लीजिए आपके मुंह से दुर्गंध आना बंद हो जाएगी



मसूड़ों से खून आना डायरिया


आपकी मसूड़ों से याद आता से खून आता है तो आप तीन-चार दिन तक एलोवेरा के रस से हल्के हाथों से अपने मसूड़ों पर मसाज करें केवल 3 से 4 दिन के अंदर ही आपको बहुत फायदा होगा

गेंदे के फूल के फायदे

गेंदे के फूल के फायदे


गेंदे का फूल सुंदर तो होता ही है लेकिन इसके बहुत सारे औषधीय प्रयोग भी हैं-
गेंदे का फूल दुनिया का सबसे बेहतरीन एंटीसेप्टिक माना गया है 



त्वचा पर घाव हो जाने पर

ऐसी स्थिति में गेंदे के फूल को पीसकर आप इस पेस्ट को घाव पर लगाएं, इससे बड़े से बड़ा घाव बहुत ही जल्दी ठीक हो जाएगा
यदि शरीर पूरी तरह से  
 गया है तो ऐसी स्थिति में भी गेंदे के फूल की चटनी , गेंदे के फूल का पेस्ट बहुत ही फायदेमंद है


मस्से हो जाने पर

मैसेज आने की स्थिति में आप केंद्र के फूल की पत्तियों का रस मस्सों के ऊपर लगाइए
मस्सा टूटकर के गिर जाएगा



अर्थराइटिस रोग हो जाने पर

आजकल स्टेट रोग हो जाने पर घुटनों में दर्द होने पर गठिया रोग हो जाने पर एक गिलास पानी के अंदर आपके देख के दो फूल हैं और उन्हें अच्छे से उबालें और उस पानी को छानकर के अलग कर लें आप इस पानी को काले की तरह कीजिए आपको अर्थराइटिस रोग में राहत मिलेगी 


दांत रोग होने पर

यदि आपको दांतो में किसी भी प्रकार का दर्द है ,कोई संक्रमण हो गया है ,मसूड़ों में दर्द है ,उनमें सूजन आ गई है तो वह ऐसी स्थिति में गेंदे के फूल की पत्तियों को तोड़ कर कुछ देर तक उनको चबाएं, थोड़ी देर बाद आप उनको निकाल दें । यह है दांत रोगों के लिए बहुत ही फायदेमंद है।



छाले हो जाने पर

छाले हो जाने की स्थिति में भी यदि आप सालों से परेशान हैं तो गेंदे के फूल की पत्तियों को मुंह में रखकर  उन्हें चबाएं यह है बहुत ही फायदेमंद होता है छाले हो जाने पर

त्रिफला के लाभ


त्रिफला के लाभ(वात पित्त कफ नाशक)


बहुत ही कम चीजें ऐसी है जो एक साथ त्रिदोष अर्थात वात पित्त कफ को दूर करती हैं । त्रिफला एक ऐसी औषधीय फल है जो इन तीनों को एक साथ खत्म करता है।

त्रिफला।त्रि + फल।(आंवला , हरड़ , बहेड़ा )

इन तीनों को मिलाकर ही बना है त्रिफला।

त्रिफला बनाने का सही तरीका

त्रिफला को बनाने का सही तरीका है
1: 2: 3 के अनुपात में अर्थात
हरड़ : बहेड़ा : आंवला ।
यदि आप इस सही अनुपात में त्रिफला बनाएंगे तो यह अद्भुत है यह वात पित्त कफ का नाश करने वाला है


त्रिफला खाने का नियम-


त्रिफला को खाने का सही समय बताया गया है सुबह तथा शाम-
सुबह यदि आप त्रिफला को सुबह लेना चाहते हैं ,तो आप उसे गुड या शहद के साथ लीजिए।
रात को त्रिफला लेते हैं तो उसे आप दूध या गर्म पानी के साथ लें।
त्रिफला लेकिन यह दोनों समय में अलग-अलग असर करता है।
यदि आप त्रिफला सुबह के समय लेते हैं। वह आपके शरीर में पोषण प्रदान करता है। यदि आपके शरीर में पोषक तत्वों की कमी है आयरन विटामिंस में कोई कमी है तो वह उन्हें दूर करता है।
यदि आप रात को दूध के साथ या गर्म पानी के साथ त्रिफला लेंगे तो यह कब्ज नाशक है ।यह कितना भी पुराना कब्ज क्यों ना हो उसे दूर करता है। आपके पेट की सफाई करता है गंदगी को हटाता है।
प्रकृति ने यह सभी चीजें हमें भरपूर मात्रा में प्रदान की हैं यह बहुत ही कीमती हैं ।
यह सर्वोत्तम फल है आंवला , हरड़ , बहेड़ा
त्रिफला का सेवन किस प्रकार करना है -
आप लगातार त्रिफला को ना ले ,3 महीने के लिए इसे लेना है फिर इसे छोड़ दें 15,?20 दिन के लिए फिर दोबारा 3 महीने इसका सेवन करें और 15 दिन के लिए छोड़ दें इस प्रकार आपको त्रिफला का सेवन करना है।
अब आपके मन में यह प्रश्न होगा कि इसे बीच में छोड़ना क्यों है तो ऐसा इसलिए करना है क्योंकि जब हम किसी चीज को लगातार लेते हैं , तो हमारे शरीर को चीज की आदत लग जाती है और वह पूर्ण रूप से असर नहीं कर पाती है इसीलिए इसी बीच में छोड़ना जरूरी है।
दुनिया का सबसे अच्छा फल आंवला ही है जो एंटीआक्सीडेंट का काम करता है।
यदि आपके शरीर में फैट बहुत ज्यादा हो चुका है ।आप मोटापे को कम करना चाहते हैं। तो आप त्रिफला को सुबह के समय लीजिए।

अच्छी नींद लाने के सूत्र


अच्छी नींद लाने के सूत्र


यदि आप अच्छी नींद लेना चाहते हैं , तो उसके कुछ छोटे छोटे नियम है
यदि आप उनका अच्छे से पालन करें।
तो आप अच्छी नींद ले सकते हैं

अपना सोने का समय निश्चित कीजिए समय से सोइए तथा समय से जागिए



नींद लेने से कम से कम 2 घंटे पूर्व अपना भोजन कर लें


भोजन करने का सबसे सही समय सूर्यास्त का होता है
अच्छी नींद क्या मतलब है कि जब आप सोने जाएं तो आपको तुरंत नींद आ जाए आप इधर उधर करवटें ना बदले पूर्ण निद्रा ले यदि आप सोते वक्त बार-बार इधर-उधर करवटें बदलते हैं तो उसका मतलब है कि आप को सही से नींद नहीं आती है।

तो इसके लिए आप जब बिस्तर पर सोए।

तो दाहिने नाक को बंद करके बाए नाक से सांस लीजिए तथा छोड़िए इस तरह से आप दाहिने ना को बंद करके बाएं नाक से दो-तीन मिनट तक सांस लें  तथा छोड़ें


जब आप सोने जाएं तो सही दिशा में सोना चाहिए

जब आप सोए तो आपका सिर सूर्य दिशा अर्थात पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए।
और आपके पैर पश्चिम दिशा की ओर होनी चाहिए।
यदि आप इस स्थिति के अलावा दूसरी स्थिति में सोना चाहते हैं तो केवल एक स्थिति और बन सकती है वह है दक्षिण दिशा में आपका सिर हो और उत्तर दिशा में आपके पैर।
उत्तरदिशा में कभी भी भूलकर सिर करके ना सोए।
क्या आप जानते हैं उत्तर दिशा में सिर कब किया जाता है ? उत्तर दिशा में शेर जब व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है उस स्थिति में ही किया जाता है।
यदि आप दोपहर को सोना चाहते हैं भोजन के पश्चात तो बॉयी ओर करवट लेकर सोएं।

उच्च रक्तचाप की समस्या / हाई ब्लड प्रेशर


उच्च रक्तचाप की समस्या / हाई ब्लड प्रेशर

यदि आप हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से परेशान है , तो आपको आपके
रसोई घर में ही उसे दूर करने की औषधि मिल जाएगी 
उसका नाम है -


दालचीनी


दालचीनी हाई ब्लड प्रेशर को दूर करने के लिए बहुत ही अच्छी दवा है
इसके लिए आप आधा चम्मच दालचीनी पाउडर आधा चम्मच शहद में मिलाकर के रोज गर्म पानी से उसको ले आपको हाई ब्लड प्रेशर से बहुत आराम मिलेगा

दूसरी औषधि है अर्जुन की छाल

अर्जुन की छाल हाई ब्लड प्रेशर के लिए बहुत ही अच्छी औषधि है
इसके लिए आप आधा चम्मच
अर्जुन की छाल एक कप पानी में खूब उबालने खूब गर्म कर ले अच्छे से उस पानी को ठंठा करके पी ले

तीसरी औषधि है बेलपत्र

चार पांच पत्ते बेलपत्र अच्छे से पीस लें और एक गिलास पानी में इनको उबालकर इनका काढ़ा बना ले
और इस कार्य को ठंडा करके उसे आप पी लें इस बिल पत्र के काढ़े से हाई ब्लड प्रेशर सबसे जल्दी ठीक होता है
हाई ब्लड प्रेशर में बेलपत्र का काढ़ा इतना ज्यादा असरदार है कि जिसको कितना भी पुराना हाई ब्लड प्रेशर हो मात्र 1 महीने में उस ठीक हो जाएगा

चौथी औषधि है मेथीदाना

आप रात को आधा चम्मच मेथी दाना एक गिलास गर्म पानी में भिगोकर रख दें
सुबह सुबह वापस पाने को पीले और जो मेथी क्लास में शेष है उसे चबा कर खा ले इससे भी आपका हाई ब्लड प्रेशर कंट्रोल में आ जाएगा

पांचवी औषधि है लौकी का जूस

एक कप लौकी का जूस नाश्ता करने से पहले आप रोज पिएं ।
इस लौकी के रस में आप  3,4 काली मिर्च। 5, 6 पत्ते धनिया, पुदीना व तुलसी के पीस कर डाल लें।
फिर आप इस लोकी के रस का सेवन करें मैं आपको आराम मिलेगा और साथ ही अभी शुगर की भी समस्या है तो उससे भी मुक्ति मिलेगी