एक्जिमा क्या है/ लक्षण ?
एक्जिमा शरीर पर होने वाले त्वचा रोगों में से एक आम रोग है इसमें शरीर पर गोलाकार रूप में दाने दाने निकल आते हैं ।
इसमें की रोगी को दर्द होता है। शुरुआत के समय तो इन में बहुत खुजली होती है प्रभावी स्थान पर बार-बार खुजलाने का मन करता है तथा उस स्थान पर छोटी-छोटी फुंसियां निकल कर आ जाती हैं जिनमें रोगी को दर्द भी होता है ।और कई बार तो समस्या इतनी बड़ी हो जाती है कि उनमें पर मवाद भी निकलने लगती है। अति गंभीर रुप ले लेने पर वहां पर घाव रूप में हो जाते हैं।
यह पस, बहता हुआ त्वचा के अन्य हिस्सों पर भी यह समस्या का कारण बन जाता है । फुंसियों के जख्म बनने का डर रहता है इसलिए लापरवाही ना करें और विशेषज्ञ की सलाह लें।
समस्या के कारण
प्रमुख रूप से इस समस्या का कारण खून की खराबी होना है।
इसके अलावा भी इसके कई कारण है जैसे-
किसी चीज के लिए संवेदनशील होना।
बहुत लंबे समय तक कब्ज या अपच का रहना।
पुरुषों और महिलाओं में यह दोनों में यह रोक पाया जाता है।
लापरवाही करने पर सही से ध्यान रखने पर रोगी के संपर्क में आने से यह समस्या कर बढ़ सकती है ।साफ सफाई का भी इसमें ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
इन बातों का विशेष रुप से ख्याल रखें
यदि आपको शरीर के किसी भी स्थान पर एक्जिमा की समस्या है तो बार-बार उस प्रभावित स्थान को छूना नहीं चाहिए।
नहाने के पानी में रोजाना एंटीसेप्टिक का इस्तेमाल करना चाहिए।
सफाई करने के लिए आयुर्वेदिक औषधियां का इस्तेमाल करना चाहिए।
नहाने के लिए केमिकल वाले आयुर्वेदिक साबुन या नेम तथा एलोवेरा सीने में साबुन का इस्तेमाल करना चाहिए।
एक बार पहने हुए कपड़ों को अच्छे से धो कर ही दूसरी बार इस्तेमाल करें जिससे की समस्या आगे ना बढ़े।
खान पीन में पौष्टिक चीजें शामिल करें ज्यादा तली-भुनी चीजों का इस्तेमाल वर्जित है।
खाने पीने में ऐसी चीजों से दूर रहें जिससे खुजली बढ़ने की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट के द्वारा करें एग्जिमा रोग का इलाज
आयुर्वेद के अंदर ऐसी कई ओसिया हैं जोकि एंटीसेप्टिक एंटी एलर्जी का काम करती हैं जैसे कि तुलसी इस तरह की अन्य कई जड़ी बूटियां हैं जो कि एक्जिमा रोग में फायदा करती हैं।
तुलसी के पत्तों का रस निकालकर उसमें आपकी मिला लें और इस तैयार मिश्रण को आप किसी कांसे के बर्तन में रहते हैं अच्छे से मिलाकर इसका लेप तैयार कर लें इस को प्रभावित जगह लगाएं इससे आपको दर्द तथा खुजली में आराम मिलेगा।
नहाने के लिए नीम की पत्तियों का उबला हुआ पानी इस्तेमाल करें इससे संक्रमण के मेरा खत्म हो जाता है।
नारियल के तेल में कपूर को अच्छे से मिलाकर प्रभावित जगह लगाने से दर्द तथा उसमें होने वाली खुजली में आराम मिलता है तथा साथ ही साथ यह क्या है साथ ही इससे होने वाले संक्रमण के असर को भी यह धीरे धीरे कम कर देती है।
त्रिफला चूर्ण और परवल के पत्ते इन तीनों को पानी में उबालकर लें। इस तैयार काढ़े से एक्जिमा वाली प्रभावित स्थान की सफाई करें इससे एग्जिमा रोग से राहत मिलेगी।
खाने-पीने में खट्टी चीजों तथा तैलीय चीजों का इस्तेमाल ना करें क्योंकि यह है फुंसियों को और बढ़ा देती है।
एक्जिमा शरीर पर होने वाले त्वचा रोगों में से एक आम रोग है इसमें शरीर पर गोलाकार रूप में दाने दाने निकल आते हैं ।
इसमें की रोगी को दर्द होता है। शुरुआत के समय तो इन में बहुत खुजली होती है प्रभावी स्थान पर बार-बार खुजलाने का मन करता है तथा उस स्थान पर छोटी-छोटी फुंसियां निकल कर आ जाती हैं जिनमें रोगी को दर्द भी होता है ।और कई बार तो समस्या इतनी बड़ी हो जाती है कि उनमें पर मवाद भी निकलने लगती है। अति गंभीर रुप ले लेने पर वहां पर घाव रूप में हो जाते हैं।
यह पस, बहता हुआ त्वचा के अन्य हिस्सों पर भी यह समस्या का कारण बन जाता है । फुंसियों के जख्म बनने का डर रहता है इसलिए लापरवाही ना करें और विशेषज्ञ की सलाह लें।
समस्या के कारण
प्रमुख रूप से इस समस्या का कारण खून की खराबी होना है।
इसके अलावा भी इसके कई कारण है जैसे-
किसी चीज के लिए संवेदनशील होना।
बहुत लंबे समय तक कब्ज या अपच का रहना।
पुरुषों और महिलाओं में यह दोनों में यह रोक पाया जाता है।
लापरवाही करने पर सही से ध्यान रखने पर रोगी के संपर्क में आने से यह समस्या कर बढ़ सकती है ।साफ सफाई का भी इसमें ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
इन बातों का विशेष रुप से ख्याल रखें
यदि आपको शरीर के किसी भी स्थान पर एक्जिमा की समस्या है तो बार-बार उस प्रभावित स्थान को छूना नहीं चाहिए।
नहाने के पानी में रोजाना एंटीसेप्टिक का इस्तेमाल करना चाहिए।
सफाई करने के लिए आयुर्वेदिक औषधियां का इस्तेमाल करना चाहिए।
नहाने के लिए केमिकल वाले आयुर्वेदिक साबुन या नेम तथा एलोवेरा सीने में साबुन का इस्तेमाल करना चाहिए।
एक बार पहने हुए कपड़ों को अच्छे से धो कर ही दूसरी बार इस्तेमाल करें जिससे की समस्या आगे ना बढ़े।
खान पीन में पौष्टिक चीजें शामिल करें ज्यादा तली-भुनी चीजों का इस्तेमाल वर्जित है।
खाने पीने में ऐसी चीजों से दूर रहें जिससे खुजली बढ़ने की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट के द्वारा करें एग्जिमा रोग का इलाज
आयुर्वेद के अंदर ऐसी कई ओसिया हैं जोकि एंटीसेप्टिक एंटी एलर्जी का काम करती हैं जैसे कि तुलसी इस तरह की अन्य कई जड़ी बूटियां हैं जो कि एक्जिमा रोग में फायदा करती हैं।
तुलसी के पत्तों का रस निकालकर उसमें आपकी मिला लें और इस तैयार मिश्रण को आप किसी कांसे के बर्तन में रहते हैं अच्छे से मिलाकर इसका लेप तैयार कर लें इस को प्रभावित जगह लगाएं इससे आपको दर्द तथा खुजली में आराम मिलेगा।
नहाने के लिए नीम की पत्तियों का उबला हुआ पानी इस्तेमाल करें इससे संक्रमण के मेरा खत्म हो जाता है।
नारियल के तेल में कपूर को अच्छे से मिलाकर प्रभावित जगह लगाने से दर्द तथा उसमें होने वाली खुजली में आराम मिलता है तथा साथ ही साथ यह क्या है साथ ही इससे होने वाले संक्रमण के असर को भी यह धीरे धीरे कम कर देती है।
त्रिफला चूर्ण और परवल के पत्ते इन तीनों को पानी में उबालकर लें। इस तैयार काढ़े से एक्जिमा वाली प्रभावित स्थान की सफाई करें इससे एग्जिमा रोग से राहत मिलेगी।
खाने-पीने में खट्टी चीजों तथा तैलीय चीजों का इस्तेमाल ना करें क्योंकि यह है फुंसियों को और बढ़ा देती है।
No comments:
Post a Comment